गुरुवार, 18 मार्च 2010
गुरुवार, 11 मार्च 2010
आदरनिये स्वमी (रामदेव बाबा ) जी को वंदन तिथी : ११ मार्च २०१०
हम बुंदेलखंड वासी आप से अनुग्रह और आग्रह के साथ निवेदन करते है कि हम लोग भारत स्वभिमान परिषद् के सदस्यता लेना चाहते है हम तकरीवन १५०००० लोग बुंदेलखंड आन्दोलन से जुड़े हुये है और जैसा आप को मालूम हो कि बुंदेलखंड आकाल से ग्रसित है आप इस उपेक्षित अंचल कि और स्वयं और देश के राजनेताओं का ध्यान आकर्षित की कृपा करे. विन्ध्यंचल का वो अंचल जहा विपदाओ को निवारण करनेवाला माना जाता था और जब किसी भी काल मे और युग मे किसी पर विपदाओ का समय आया तब सभी ने विन्ध्यंचल मे शरण ली
अब विपदाओ ने हम विन्ध्यंचलवासियों को घेरा है हम कहा जाये आज देश हमें भूखा और भिखमंगा समझकार धुत्कर्ता है आप के स्वभिमान और भारत के स्वभिमान मे क्या हमें भी स्वभिमान से रहने का हक़ मिलेगा . आप को मालूम है यहाँ कि माटी मह्रिषी वेदव्यास,चाणक्य,भवभूति ,ऋषि भरद्वाज ,मार्कंडेय ,अत्री ,दत्तात्रेय महाकवि कालिदास,तुलसीदास जैसे मह्रिषी ऋषि और संतो की जन्म कर्म और धर्म भूमी रही है और आश्रम जो उस समय हिन्दुओ और अर्यो के अनुसन्धान केंद्र रहे है
हम बुंदेलखंड वासी आप से अनुग्रह और आग्रह के साथ निवेदन करते कि आप विन्ध्यंचल की माटी की शरण मे आये यहाँ अनुसन्धान केंद्र,आश्रम और भारत स्वभिमान परिषद् आन्दोलन का केंद्र वनाये प्रभु राम जी रावण के युद्ध से पहले १३ वर्षो तक विन्ध्यंचल की पवित्र भूमी मे संघठन के मजवूत किया यहाँ की वनजातियों जनजातियों सिद्ध नाग और अन्य जन समूह आप के साथ रहेगे और हम विन्ध्यंचलवासियों को शरण प्रदान करे
हम बुंदेलखंडवासियो के साथ
आपका बुन्देली प्रचारणी मित्र
कवि हरदयाल कुशवाहा
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी
बुन्देली थाती - भारतीय थाती (राष्ट्रिये स॑योजक)
बुन्देली लोक कला स॑स्क्रति विकास परिषद दिल्ली (अध्यक्ष)
बुन्देली साहित्य अकादमी दिल्ली (संस्थापक )
राष्ट्रिये बुंदेलखंड जन विकास मंच (मिडीया प्रभारी )
# +91-9990807740
हम बुंदेलखंड वासी आप से अनुग्रह और आग्रह के साथ निवेदन करते है कि हम लोग भारत स्वभिमान परिषद् के सदस्यता लेना चाहते है हम तकरीवन १५०००० लोग बुंदेलखंड आन्दोलन से जुड़े हुये है और जैसा आप को मालूम हो कि बुंदेलखंड आकाल से ग्रसित है आप इस उपेक्षित अंचल कि और स्वयं और देश के राजनेताओं का ध्यान आकर्षित की कृपा करे. विन्ध्यंचल का वो अंचल जहा विपदाओ को निवारण करनेवाला माना जाता था और जब किसी भी काल मे और युग मे किसी पर विपदाओ का समय आया तब सभी ने विन्ध्यंचल मे शरण ली
अब विपदाओ ने हम विन्ध्यंचलवासियों को घेरा है हम कहा जाये आज देश हमें भूखा और भिखमंगा समझकार धुत्कर्ता है आप के स्वभिमान और भारत के स्वभिमान मे क्या हमें भी स्वभिमान से रहने का हक़ मिलेगा . आप को मालूम है यहाँ कि माटी मह्रिषी वेदव्यास,चाणक्य,भवभूति ,ऋषि भरद्वाज ,मार्कंडेय ,अत्री ,दत्तात्रेय महाकवि कालिदास,तुलसीदास जैसे मह्रिषी ऋषि और संतो की जन्म कर्म और धर्म भूमी रही है और आश्रम जो उस समय हिन्दुओ और अर्यो के अनुसन्धान केंद्र रहे है
हम बुंदेलखंड वासी आप से अनुग्रह और आग्रह के साथ निवेदन करते कि आप विन्ध्यंचल की माटी की शरण मे आये यहाँ अनुसन्धान केंद्र,आश्रम और भारत स्वभिमान परिषद् आन्दोलन का केंद्र वनाये प्रभु राम जी रावण के युद्ध से पहले १३ वर्षो तक विन्ध्यंचल की पवित्र भूमी मे संघठन के मजवूत किया यहाँ की वनजातियों जनजातियों सिद्ध नाग और अन्य जन समूह आप के साथ रहेगे और हम विन्ध्यंचलवासियों को शरण प्रदान करे
हम बुंदेलखंडवासियो के साथ
आपका बुन्देली प्रचारणी मित्र
कवि हरदयाल कुशवाहा
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी
बुन्देली थाती - भारतीय थाती (राष्ट्रिये स॑योजक)
बुन्देली लोक कला स॑स्क्रति विकास परिषद दिल्ली (अध्यक्ष)
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